Loading...

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 18/ सूक्त 4/ मन्त्र 38
    सूक्त - यम, मन्त्रोक्त देवता - अनुष्टुप् छन्दः - अथर्वा सूक्तम् - पितृमेध सूक्त

    इ॒हैवैधि॑धन॒सनि॑रि॒हचि॑त्त इ॒हक्र॑तुः। इ॒हैधि॑ वी॒र्यवत्तरो वयो॒धा अप॑राहतः ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    इ॒ह । ए॒धि । वी॒र्य॑वत्ऽतर: । व॒य॒:ऽधा: । अप॑राऽहत: ॥४.३८॥


    स्वर रहित मन्त्र

    इहैवैधिधनसनिरिहचित्त इहक्रतुः। इहैधि वीर्यवत्तरो वयोधा अपराहतः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    इह । एधि । वीर्यवत्ऽतर: । वय:ऽधा: । अपराऽहत: ॥४.३८॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 18; सूक्त » 4; मन्त्र » 38
    Top