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  • अथर्ववेद - काण्ड 13/ सूक्त 3/ मन्त्र 22
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - रोहितः, आदित्यः, अध्यात्मम् छन्दः - चतुरवसानाष्टपदाकृतिः सूक्तम् - अध्यात्म सूक्त

    वि य और्णो॑त्पृथि॒वीं जाय॑मान॒ आ स॑मु॒द्रमद॑धाद॒न्तरि॑क्षे। तस्य॑ दे॒वस्य॑ क्रु॒द्धस्यै॒तदागो॒ य ए॒वं वि॒द्वांसं॑ ब्राह्म॒णं जि॒नाति॑। उद्वे॑पय रोहित॒ प्र क्षि॑णीहि ब्रह्म॒ज्यस्य॒ प्रति॑ मुञ्च॒ पाशा॑न् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    वि । य: । और्णो॑त् । पृ॒थि॒वीम् । जाय॑मान: । आ । स॒मु॒द्रम् । अद॑धात् । अ॒न्तरि॑क्षे । तस्य॑ । दे॒वस्य॑ ॥ क्रु॒ध्दस्य॑ । ए॒तत् । आग॑: । य: । ए॒वम् । वि॒द्वांस॑म् । ब्रा॒ह्म॒णम् । जि॒नाति॑ । उत् । वे॒प॒य॒ । रो॒हि॒त॒ । प्र । क्ष‍ि॒णी॒हि॒ । ब्र॒ह्म॒ऽज्यस्य॑ । प्रति॑ । मु॒ञ्च॒ । पाशा॑न् ॥३.२२॥


    स्वर रहित मन्त्र

    वि य और्णोत्पृथिवीं जायमान आ समुद्रमदधादन्तरिक्षे। तस्य देवस्य क्रुद्धस्यैतदागो य एवं विद्वांसं ब्राह्मणं जिनाति। उद्वेपय रोहित प्र क्षिणीहि ब्रह्मज्यस्य प्रति मुञ्च पाशान् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    वि । य: । और्णोत् । पृथिवीम् । जायमान: । आ । समुद्रम् । अदधात् । अन्तरिक्षे । तस्य । देवस्य ॥ क्रुध्दस्य । एतत् । आग: । य: । एवम् । विद्वांसम् । ब्राह्मणम् । जिनाति । उत् । वेपय । रोहित । प्र । क्ष‍िणीहि । ब्रह्मऽज्यस्य । प्रति । मुञ्च । पाशान् ॥३.२२॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 13; सूक्त » 3; मन्त्र » 22

    पदार्थ -

    १. (य:) = जो प्रभु (जायमान:) = प्रादुर्भूत होते हुए (पृथिवीं वि औणौत्) = हमारी इस शरीररूप पृथिवी को विशेषरूप से आच्छादित करते हैं। जब भी हम प्रभु के प्रकाश को देखेंगे-प्रभु का हममें प्रादुर्भाव होगा तब वे हमारे शरीरों के कवच होंगे। उस समय हमारे शरीर रोगों से आक्रान्त न हो पाएंगे। वे प्रभु ही प्रादुर्भूत होते हुए (अन्तरिक्षे) = हमारे हृदयान्तरिक्ष में (समुद्रम) = ज्ञानसमुद्र को (आ अदधात्) = सर्वथा स्थापित करते हैं। प्रभु का प्रादुर्भाव हुआ तो सब अन्धकार समाप्त हो जाता है और प्रकाश-ही-प्रकाश हो जाता है। ब्रह्म को इस रूप में जाननेवाले ब्राह्मण का हनन ब्रह्म के प्रति अपराध है। शेष पूर्ववत्।

    भावार्थ -

    हम प्रभु को अपने में प्रादुर्भूत करने का प्रयत्न करें। प्रभु हमारे शरीररूप पृथिवी के कवच होंगे और हमारे हृदयान्तरिक्ष में ज्ञानसमुद्र की स्थापना करेंगे। ब्रह्म को इस रूप में जाननेवाले ब्राह्मण का हनन महापाप है।

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