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  • यजुर्वेद - अध्याय 40/ मन्त्र 4
    ऋषिः - दीर्घतमा ऋषिः देवता - ब्रह्म देवता छन्दः - निचृत्त्रिष्टुप् स्वरः - धैवतः
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    अने॑ज॒देकं॒ मन॑सो॒ जवी॑यो॒ नैन॑द्दे॒वाऽआ॑प्नुव॒न् पूर्व॒मर्ष॑त्।तद्धाव॑तो॒ऽन्यानत्ये॑ति॒ तिष्ठ॒त्तस्मि॑न्न॒पो मा॑त॒रिश्वा॑ दधाति॥४॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अने॑जत्। एक॑म्। मन॑सः। जवी॑यः। न। ए॒न॒त्। दे॒वाः। आ॒प्नु॒व॒न्। पूर्व॑म्। अर्ष॑त् ॥ तत्। धाव॑तः। अ॒न्यान्। अति॑। ए॒ति॒। तिष्ठ॑त्। तस्मि॑न्। अ॒पः। मा॒त॒रिश्वा॑। द॒धा॒ति॒ ॥४ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अनेजदेकम्मनसो जवीयो नैनद्देवाऽआप्नुवन्पूर्वमर्शत् । तद्धावतोन्यानत्येति तिष्ठत्तस्मिन्नपो मातरिश्वा दधाति ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    अनेजत्। एकम्। मनसः। जवीयः। न। एनत्। देवाः। आप्नुवन्। पूर्वम्। अर्षत्॥ तत्। धावतः। अन्यान्। अति। एति। तिष्ठत्। तस्मिन्। अपः। मातरिश्वा। दधाति॥४॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 40; मन्त्र » 4
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    पदार्थ -

    पदार्थ = ( अनेजत् ) = काँपनेवाला नहीं अचल, अपनी अवस्था से कभी चलायमान नहीं होता।  ( एकम् ) = अद्वितीय  ( मनसःजवीयः ) = मन से भी अधिक वेगवाला ब्रह्म है ।  ( पूर्वम् ) = सबसे प्रथम, सबसे आगे  ( अर्षत् ) = गति करते हुए अर्थात्  जहाँ कोई चलकर जावे वहाँ व्यापक होने से पूर्व ही विद्यमान है, ( एनम् ) = इस ब्रह्म को ( देवा: ) = बाह्य नेत्र आदि इन्द्रिय  ( न आप्नुवन् ) = नहीं प्राप्त होते ।  ( तद् ) = वह ब्रह्म ( तिष्ठत् ) = अपने स्वरूप में स्थित  ( धावतः ) = विषयों की ओर गिरते हुए  ( अन्यान् ) = आत्मा से भिन्न मन वाणी आदि इन्द्रियों को   ( अति एति ) = लांघ जाता है। अर्थात् उनकी पहुँच से परे रहता है ।  ( तस्मिन् ) = उस व्यापक ईश्वर में  ( मातरिश्वा ) = अन्तरिक्ष में गतिशील वायु और जीव भी ( अप: ) = कर्म वा क्रिया को  ( दधाति ) = धारण करता है ।

    भावार्थ -

    भावार्थ = परमात्मा व्यापक है, मन जहाँ-जहाँ जाता है वहाँ-वहाँ प्रथम  से ही परमात्म देव स्थिर वर्त्तमान हैं। प्रभु का ज्ञान शुद्ध एकाग्र मन से होता है, नेत्र आदि इन्द्रियों और अज्ञानी विषयी लोगों से वह देखने योग्य नहीं वह जगत्पिता आप निश्चल हुआ, सब जीवों को और वायु, सूर्य, चन्द्र आदिकों को नियम से चलाता और धारण करता है। ऐसे मन नेत्रादिकों के अविषय ब्रह्म को कोई महानुभाव महात्मा बाह्य भोगों से उपराम ही जान सकता है। विषयों में लम्पट दुराचारी शराबी कबाबी कभी नहीं जान सकता।

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