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  • अथर्ववेद - काण्ड 16/ सूक्त 8/ मन्त्र 3
    सूक्त - दुःस्वप्ननासन देवता - प्राजापत्या गायत्री छन्दः - यम सूक्तम् - दुःख मोचन सूक्त

    स ग्राह्याः॑पाशा॒न्मा मो॑चि ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    स: । ग्राह्या॑: । पाशा॑त् । मा । मो॒चि॒ ॥८.३॥


    स्वर रहित मन्त्र

    स ग्राह्याःपाशान्मा मोचि ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    स: । ग्राह्या: । पाशात् । मा । मोचि ॥८.३॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 16; सूक्त » 8; मन्त्र » 3

    भाषार्थ -
    (सः) वह (ग्राह्याः) जकड़ने के (पाशात) फन्दे से (मा)(मोचि) मुक्त हो,-

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