अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 22/ मन्त्र 16
सूक्त - अङ्गिराः
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - दैवी पङ्क्तिः
सूक्तम् - ब्रह्मा सूक्त
ग॒णेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठग॒णेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.१६॥
स्वर रहित मन्त्र
गणेभ्यः स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठगणेभ्यः। स्वाहा ॥२२.१६॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 22; मन्त्र » 16
विषय - महाशान्ति के लिये उपदेश।
पदार्थ -
(गणेभ्यः) समूहों के लिये (स्वाहा) स्वाहा [सुन्दर वाणी] हो ॥१६॥
भावार्थ - स्पष्ट है ॥१६॥
टिप्पणी -
१६−(गणेभ्यः) समूहेभ्यः ॥