अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 22/ मन्त्र 6
सूक्त - अङ्गिराः
देवता - मन्त्रोक्ताः
छन्दः - दैवी पङ्क्तिः
सूक्तम् - ब्रह्मा सूक्त
क्षु॒द्रेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठक्षु॒द्रेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.६॥
स्वर रहित मन्त्र
क्षुद्रेभ्यः स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठक्षुद्रेभ्यः। स्वाहा ॥२२.६॥
अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 22; मन्त्र » 6
विषय - महाशान्ति के लिये उपदेश।
पदार्थ -
(क्षुद्रेभ्यः) सूक्ष्म गुणों के लिये (स्वाहा) स्वाहा [सुन्दर वाणी] हो ॥६॥ यह मन्त्र आगे है-अथर्व०१९।२३।२१॥
भावार्थ - स्पष्ट है ॥६॥
टिप्पणी -
६−(क्षुद्रेभ्यः) स्फायितञ्चिवञ्चिशकिक्षिषिक्षुदि०। उ०२।१३। क्षुदिर् संपेषणे-रक्। सूक्ष्मगुणेभ्यः ॥