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  • अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 22/ मन्त्र 8
    सूक्त - अङ्गिराः देवता - मन्त्रोक्ताः छन्दः - आसुरी जगती सूक्तम् - ब्रह्मा सूक्त

    प्र॑थ॒मेभ्यः॑ श॒ङ्खेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    प्र॒थ॒मेभ्यः॑। श॒ङ्खेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.८॥


    स्वर रहित मन्त्र

    प्रथमेभ्यः शङ्खेभ्यः स्वाहा ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    प्रथमेभ्यः। शङ्खेभ्यः। स्वाहा ॥२२.८॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 22; मन्त्र » 8

    पदार्थ -
    (प्रथमेभ्यः) पहिले [सृष्टि से पहिले वर्तमान] (शङ्खेभ्यः) विचारयोग्य गुणों के लिये (स्वाहा) स्वाहा [सुन्दर वाणी] हो ॥८॥

    भावार्थ - स्पष्ट है ॥८॥

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