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  • यजुर्वेद - अध्याय 4/ मन्त्र 3
    ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः देवता - मेघो देवता छन्दः - स्वराट् अनुष्टुप्, स्वरः - धैवतः
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    म॒हीनां॒ पयो॑ऽसि वर्चो॒दाऽअ॑सि॒ वर्चो॑ मे देहि। वृ॒त्रस्या॑सि क॒नीन॑कश्चक्षु॒र्दाऽअ॑सि॒ चक्षु॑र्मे देहि॥३॥

    स्वर सहित पद पाठ

    म॒हीनाम्। पयः॑। अ॒सि॒। व॒र्चो॒दा इति॑ वर्चः॒ऽदाः। अ॒सि॒। वर्चः॑। मे॒। दे॒हि॒। वृ॒त्रस्य॑। अ॒सि॒। क॒नीन॑कः। च॒क्षु॒र्दा इति॑ चक्षुः॒दाः। अ॒सि॒। चक्षुः॑। मे॒। दे॒हि॒ ॥३॥


    स्वर रहित मन्त्र

    महीनांम्पयोसि वर्चादा असि वर्चा मे देहि वृत्रस्यासि कनीनकश्चक्षुर्दा असि चक्षुर्मे देहि ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    महीनाम्। पयः। असि। वर्चोदा इति वर्चःऽदाः। असि। वर्चः। मे। देहि। वृत्रस्य। असि। कनीनकः। चक्षुर्दा इति चक्षुःदाः। असि। चक्षुः। मे। देहि॥३॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 4; मन्त्र » 3
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    भावार्थ -

    मेघ या नवनीत, घृत या आदित्य के दृष्टान्त से राजा के कर्त्तव्य का वर्णन करते हैं । ( महीनाम् पयः असिः ) हे सूर्य तू ! ( महीनां ) पृथिवियों पर ( पय: ) जल बरसने का कारण है । अथवा, हे मेघ ! तू पृथिवी पर जल बरसाता है । हे नवनीत तू गौओं के दूध से उत्पन्न है । हे राजन् ! तू. (महीनां ) पृथिवीवासिनी प्रजाओं का ( पयः असि ) पुष्टिकारक सार भाग है ! हे राजन् ! तू ( वर्चोदा: असि ) वर्चः, तेज का प्रदान करने हारा है( मे वर्चः देहि ) मुझे वर्चस् ,  तेजोबल प्रदान कर ! तू ( वृत्रस्य ) राष्ट्र को घेरने वाले शत्रु को भी (कनीनकः ) आंख में पुतली के समान देखने वाला है। तू ( चक्षुर्दाः असि ) चक्षु अर्थात् आंख का देने वाला है । ( मे चक्षुः देहि ) मुझे चक्षु प्रदान कर ॥
     
    मेघ पक्ष में-- जिस प्रकार सूर्य मेघ को भी अपने तेज से छिन्न भिन्न कर देता है। उसी प्रकार राजा शत्रु को छिन्न भिन्न कर उसकी माया को खोल देता है। सूर्य चक्षु को दर्शन शक्ति देता है उसी प्रकार राजा भी प्रजा को मार्ग दिखाता है ॥ 
    ईश्वर पक्ष में - ( महीनाम् ) तू महती, बड़ी बड़ी शक्तियों का ( पयः ) परम सार, उनका भी परम पोषक बल है। हे तेजखी ! तू मुझ उपासक को वर्चस् प्रदान कर । तू आवरणकारी वृत्र- अज्ञान को भी अपनी ज्ञानज्योति से चमका कर नाश कर देता है सर्वदृष्टा, सबको ज्ञानचक्षु प्रदान करता है, मुझे भी चक्षु प्रदान कर ॥

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर -

    मेघो वा नवनीतमञ्जनं च देवता । भुरिक् त्रिष्टुप् । धैवत्तः ॥

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