अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 132/ मन्त्र 13
त्रीण्यु॒ष्ट्रस्य॒ नामा॑नि ॥
स्वर सहित पद पाठत्रीणि । उ॒ष्ट्र॒स्य॒ । नामा॑नि ॥१३२.१३॥
स्वर रहित मन्त्र
त्रीण्युष्ट्रस्य नामानि ॥
स्वर रहित पद पाठत्रीणि । उष्ट्रस्य । नामानि ॥१३२.१३॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 132; मन्त्र » 13
भाषार्थ -
(उष्ट्रस्ट) सांसारिक-दाहों अर्थात् ताप-सन्तापों से त्राण करनेवाले, बचानेवाले परमेश्वर के (त्रीणि) तीन (नामानि) नाम हैं।
टिप्पणी -
[उष्ट्र=उष् (दाहे)+त्र (त्राणकर्त्ता)।]