अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 132/ मन्त्र 8
सूक्त -
देवता - प्रजापतिः
छन्दः - प्राजापत्या गायत्री
सूक्तम् - कुन्ताप सूक्त
क ए॑षां॒ कर्क॑री लिखत् ॥
स्वर सहित पद पाठक: । ए॑षा॒म् । कर्क॑री । लिखत् ॥१३२.८॥
स्वर रहित मन्त्र
क एषां कर्करी लिखत् ॥
स्वर रहित पद पाठक: । एषाम् । कर्करी । लिखत् ॥१३२.८॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 132; मन्त्र » 8
भाषार्थ -
(कः) कौन है वह (कर्करी) पुनः-पुनः जगत् का कर्त्ता, जो कि (एषाम्) इन जीवात्माओं के कर्मों का (लिखत्) लेखा लिखता है?