अथर्ववेद - काण्ड 10/ सूक्त 5/ मन्त्र 39
सूक्त - ब्रह्मा
देवता - मन्त्रोक्ता
छन्दः - आर्षी गायत्री
सूक्तम् - विजय प्राप्ति सूक्त
स॑प्तऋ॒षीन॒भ्याव॑र्ते। ते मे॒ द्रवि॑णं यच्छन्तु॒ ते मे॑ ब्राह्मणवर्च॒सम् ॥
स्वर सहित पद पाठस॒प्त॒ऽऋ॒षीन् । अ॒भि॒ऽआव॑र्ते । ते । मे॒ । द्रवि॑णम् । य॒च्छ॒न्तु॒ । ते । मे॒ । ब्रा॒ह्म॒ण॒ऽव॒र्च॒सम् ॥५.३९॥
स्वर रहित मन्त्र
सप्तऋषीनभ्यावर्ते। ते मे द्रविणं यच्छन्तु ते मे ब्राह्मणवर्चसम् ॥
स्वर रहित पद पाठसप्तऽऋषीन् । अभिऽआवर्ते । ते । मे । द्रविणम् । यच्छन्तु । ते । मे । ब्राह्मणऽवर्चसम् ॥५.३९॥
अथर्ववेद - काण्ड » 10; सूक्त » 5; मन्त्र » 39
Word Meaning -
सप्त ऋषियों के चक्राकार cyclic क्रम की हम परिक्रमा करते हैं जिस से हमें ऐसा सब धन प्राप्त हो जिस से हमारे अंदर ब्राह्मण वृत्तियों की तेजस्विता और सामर्थ्य उत्पन्न हो | सप्त ऋषि से अभिप्राय मनुष्य के शरीर में स्थित “ सप्त ऋषिय: प्रतिहीता: शरीरे” यजु0 34/55| और “षडिन्द्रियाणि विद्यासप्तमी “ –निरुक्त 12.4.38) संसारिक सामाजिक विषयों पर वेदादेशों के अतिरिक्त निर्णय के लिए
(सप्त दिशो नानासूर्याः सप्त होतार ऋत्विजः |
देवा आदित्या ये सप्त तेभिः सोमाभि रक्ष न इन्द्रयेन्दो परि स्रव ||
ऋ 9.114.3
Veda is describing that human observations/ knowledge based decisions should be taken. Men involved in planning and their actions are like 7 men performing Yajnas , motivated in 7 directions by senses (Seeing, Hearing, Smelling, Taste, Feeling by skin स्पर्श, Mind and intellect) . Every individual’s perception of the situations is illuminated - brought to light by looking at the same thing through 7 different colors of visible light. This reality has to be taken in to consideration in taking important decisions.
(This is the Vedic wisdom describing how decisions are to be implemented in interest of national welfare in a planning commission. Modern Planners use a tool of Input /Output Matrix.
Ved in this mantra is indicating a decision matrix of 7th order.
A matrix of 7th order is considered the most complex. In practice hardly any planning decisions are taken on the basis of an analysis of an input /output matrix of the 7th order. But Economists base most of their decisions on study of Input/output Matrix. Decisions take under expediency without proper analysis by a complete matrix analyses lead to disastrous results. The examples of innovations made in the name of modern science and technology leading to disastrous consequences in all walks of life are pointing to this expedient approach.)
सात दिशाएं ज्ञान की सप्तऋषि:इन को प्रकाश में लाने वाले नाना सूर्य (सूर्य की 7 रश्मियां , हर वस्तु स्थिति को समझने देखने के 7 तरीके) –7 विद्वान, सात ऋत्विज (पांच ज्ञानेन्द्रियां, मन और बुद्धि) बन कर यह जीवन यज्ञ कर रहे हैं.
देवा आदित्या; को समझने के लिए यजुर्वेद 4.21 के अनुसार ”वस्वस्यादितिरस्यादित्यासि रुद्रासि चन्द्रासि | बृहस्पतिष्ट्वा सुम्ने रम्णातु रुद्रो वसुभिराचके ||”
वस्वी असि- उत्तम निवास देने वाली है जो जीवन के लिए उत्तम साधनों का प्रतिपादन करके जीवन को उत्तम बनाती है, अदिति असि- हमारा खण्डन न होने देने वाले है, आदित्या असि- गुणों का आदान करने वाली है.(आदानात् आदित्या:) जिस के अध्ययन से हमारे गुणग्रहण की वृत्ति प्रबल होती है.
इस ताने बाने को, संगलन पात्र को आधुनिक योजना विज्ञान Decision making Matrix का नाम देता है. इन सातों के आधार पर अध्यन करने से हानि /दु:ख कारक निर्णय न ले कर गुण ग्रहण करने की वृत्ति प्रबल होती है. सब निर्णय इस वैदिक मंत्रणा के आधार पर ही सोम-ज्ञान के आधार पर कार्यांवित योजनाएं समाज के लिए कल्याण कारी सिद्ध होती हैं.