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  • अथर्ववेद - काण्ड 15/ सूक्त 6/ मन्त्र 13
    सूक्त - अध्यात्म अथवा व्रात्य देवता - आसुरी बृहती छन्दः - अथर्वा सूक्तम् - अध्यात्म प्रकरण सूक्त

    स प॑र॒मांदिश॒मनु॒ व्यचलत् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    स: । प॒र॒माम् । दिश॑म् । अनु॑ । वि । अ॒च॒ल॒त् ॥६.१३॥


    स्वर रहित मन्त्र

    स परमांदिशमनु व्यचलत् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    स: । परमाम् । दिशम् । अनु । वि । अचलत् ॥६.१३॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 15; सूक्त » 6; मन्त्र » 13

    टिप्पणीः - १३−(सः) व्रात्यःपरमात्मा (परमाम्) अतिदूराम्। अन्यत् पूर्ववत् ॥

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