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अथर्ववेद > काण्ड 20 > सूक्त 129

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  • अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 129/ मन्त्र 20
    सूक्त - देवता - प्रजापतिः छन्दः - प्राजापत्या गायत्री सूक्तम् - कुन्ताप सूक्त

    अ॑नाम॒योप॑जि॒ह्विका॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒ना॒म॒या । उप॑जि॒ह्विका॑ ॥१२९.२०॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अनामयोपजिह्विका ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अनामया । उपजिह्विका ॥१२९.२०॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 129; मन्त्र » 20

    टिप्पणीः - २०−(अनामया) वलिमलितनिभ्यः कयन्। उ० ४।९९। अम पीडने चुरा०-कयन्, टाप्। रोगरहिता। (उपजिह्विका) शेवायह्वजिह्वा०। उ० १।१४। जि जये-वन् डुक् च, टाप्। उप उपकारिका जिह्वा वाणी यस्याः सा ॥

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