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अथर्ववेद के काण्ड - 19 के सूक्त 22 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 22/ मन्त्र 12
    ऋषिः - अङ्गिराः देवता - मन्त्रोक्ताः छन्दः - दैवी त्रिष्टुप् सूक्तम् - ब्रह्मा सूक्त
    42

    उ॑त्त॒मेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    उ॒त्ऽत॒मेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.१२॥


    स्वर रहित मन्त्र

    उत्तमेभ्यः स्वाहा ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    उत्ऽतमेभ्यः। स्वाहा ॥२२.१२॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 22; मन्त्र » 12
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    हिन्दी (3)

    विषय

    महाशान्ति के लिये उपदेश।

    पदार्थ

    (उत्तमेभ्यः) अत्यन्त श्रेष्ठ [पुरुषों] के लिये (स्वाहा) स्वाहा [सुन्दर वाणी] हो ॥१२॥

    भावार्थ

    स्पष्ट है ॥१२॥

    टिप्पणी

    १२−(उत्तमेभ्यः) अतिश्रेष्ठपुरुषेभ्यः ॥

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    विषय

    उपोत्तम-उत्तम-उत्तर

    पदार्थ

    १. गतमन्त्र के शान्तेन्द्रिय, अतएव (उपोत्तमेभ्यः) = उस उत्तमपुरुष प्रभु के समीप वास करनेवालों के लिए (स्वाहा) = हम प्रशंसात्मक शब्द कहते हैं। २. (उत्तमेभ्यः) [ब्रह्मभूतेभ्यः] = इन उत्तम-ब्रह्मप्राप्त पुरुषों के लिए (स्वाहा) = हम शुभ शब्द बोलते हैं। ३. (उत्तरेभ्यः) = संसार-सागर को उत्तीर्ण कर गये इन पुरुषों के लिए हम (स्वाहा) = अपने को अर्पित करते हैं [स्व हा] और उनकी भाँति हम भी भवसागर को तैरने के लिए यत्नशील होते हैं।

    भावार्थ

    हम प्रभु की उपासना करें। प्रभु को प्राप्त करें और भवसागर से उत्तीर्ण हो जाएँ।

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    भाषार्थ

    (उत्तमेभ्यः) उत्तम पाशों को शिथिल करने के लिए (स्वाहा) समर्पण हो॥ १२॥

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Chhandas

    Meaning

    Svaha for the highest, ultimates (of the bonds).

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    Translation

    Svaha to the hymns of the last chapter.

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    Translation

    Attain the knowledge of excellent things and appreciate them.

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    Translation

    The suktas that are better, the near-best and the best should be completely studied.

    Footnote

    (11.-13) ‘The better’: concerning sacrifice, or action. ‘The near best’—concerning preparation for salvation by yogic exercises. ‘The best’—concerning the state of bliss. Pt. Khem Karan Das Trivedi has given a different rendering to this as well as to the next hymn. But it seems to far-fetch the meanings of the numbers, given herein and the next hymn, too.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    १२−(उत्तमेभ्यः) अतिश्रेष्ठपुरुषेभ्यः ॥

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