अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 2/ मन्त्र 18
यथा॑ दे॒वा असु॑रा॒न्प्राणु॑दन्त॒ यथेन्द्रो॒ दस्यू॑नध॒मं तमो॑ बबा॒धे। तथा॒ त्वं का॑म॒ मम॒ ये स॒पत्ना॒स्तान॒स्माल्लो॒कात्प्र णु॑दस्व दू॒रम् ॥
स्वर सहित पद पाठयथा॑ । दे॒वा: । असु॑रान् । प्र॒ऽअनु॑दन्त । यथा॑ । इन्द्र॑: । दस्यू॑न् । अ॒ध॒मम् । तम॑: । ब॒बा॒धे । तथा॑ । त्वम् । का॒म॒ । मम॑ । ये । स॒ऽपत्ना॑: । तान् । अ॒स्मात् । लो॒कात् । प्र । नु॒द॒स्व॒ । दू॒रम् ॥२.१८॥
स्वर रहित मन्त्र
यथा देवा असुरान्प्राणुदन्त यथेन्द्रो दस्यूनधमं तमो बबाधे। तथा त्वं काम मम ये सपत्नास्तानस्माल्लोकात्प्र णुदस्व दूरम् ॥
स्वर रहित पद पाठयथा । देवा: । असुरान् । प्रऽअनुदन्त । यथा । इन्द्र: । दस्यून् । अधमम् । तम: । बबाधे । तथा । त्वम् । काम । मम । ये । सऽपत्ना: । तान् । अस्मात् । लोकात् । प्र । नुदस्व । दूरम् ॥२.१८॥
भाष्य भाग
हिन्दी (4)
विषय
ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।
पदार्थ
(यथा) जैसे (देवाः) व्यवहारकुशल लोगों ने (असुरान्) असुरों [विद्वानों के विरोधियों] को (प्राणुदन्त) निकाल दिया है, (यथा) जैसे (इन्द्रः) महाप्रतापी पुरुष ने (दस्यून्) डाकुओं को (अधमम् तमः) नीचे अन्धकार में (बबाधे) रोका था। (काम) हे कामनायोग्य [परमेश्वर !] (त्वम्) तू (मम ये सपत्नाः) मेरे जो शत्रु हैं, (तथा) वैसे ही (तान्) उनको (अस्मात् लोकात्) इस स्थान से (दूरम्) दूर (प्र णुदस्व) निकाल दे ॥१८॥
भावार्थ
मनुष्य सर्वदा परमेश्वर का आश्रय लेकर यथावत् व्यवहारों को समझकर दुष्कर्मियों का नाश करें ॥१८॥
टिप्पणी
१८−(यथा) येन प्रकारेण (देवाः) व्यवहारकुशलाः (बबाधे) बाधितवान्। निरुद्धवान् (तथा) तेन प्रकारेण। अन्यत् पूर्ववत्-म० ॥१७॥१८॥
विषय
असर व दस्यु-विनाश
पदार्थ
१. (यथा) = जैसे (देवा:) = देववृत्ति के पुरुषों ने (असुरान्) = आसुरभावों को-अपने ही प्राणपोषण, अर्थात् स्वार्थ के भावों को (प्राणुदन्त) = परे धकेल दिया। (यथा) = जिस प्रकार (इन्द्रः) = एक जितेन्द्रिय पुरुष ने (दस्यून्) = दास्यव वृत्तियों को-औरों के विनाश की वृत्तियों [काम, क्रोध, लोभ आदि] को (अधरमं तमः बबाधे) = घने अँधेरे में पहुँचा दिया, हे (काम) = कमनीय प्रभो! तथा उसी प्रकार (त्वम्) = आप (तान्) = उन्हें (अस्मात् लोकात्) = इस लोक से (दूरं प्रणुदस्व) = दूर धकेल दें, (ये) = जोकि (मम सपत्ना:) = मेरे शत्रु हैं।
भावार्थ
जिस प्रकार देव स्वार्थ के भावों से ऊपर उठते हैं, जिस प्रकार एक जितेन्द्रिय पुरुष विनाश की वृत्तियों [काम, क्रोध, लोभ] से दूर रहता है, उसी प्रकार प्रभुकृपा से मैं उन असुरों व दस्युओं को अपने से दूर कर पाऊँ।
भाषार्थ
(यथा) जिस प्रकार (देवाः) देवों ने (असुरान्) आसुर विचारों को (प्राणुदन्त) धकेला, (यथा) जिस प्रकार (इन्द्रः) प्रबुद्ध जीवात्मा ने (दस्यून्) दस्युओं को (अधमम् तमः) अधमकोटि के तमोगुण में प्राप्त कर उन्हें (बबाधे) विलोडा, (तथा) उसी प्रकार (त्वम्) तू (काम) हे कमनीय परमेश्वर ! (मम ये सपत्नाः) मेरे जो सपत्न हैं, (तान्) उन्हें (अस्मात् लोकात्) इस पृथिवी लोक से (दूरम्) दूर (प्रणुदस्व) धकेल दे।
टिप्पणी
[यथा स्वाध्याय, मनन, निदिध्यासन, सत्संग, ब्रह्मचर्य आदि द्वारा देवों ने असुरों को धकेला। बबाधे= बाधृ विलोडने]
विषय
प्रजापति परमेश्वर और राजा और संकल्प का ‘काम’ पद द्वारा वर्णन।
भावार्थ
(यथा देवाः असुरान् प्र अनुदन्त) जिस प्रकार देव, विद्वान् लोग आसुर वृत्तियों को पराजित करते हैं और (यथा इन्द्रः दस्यून् अधमं तमः बबाधे) जिस प्रकार आत्मिक शक्तिसम्पन्न व्यक्ति दस्युओं अर्थात् विनाशकारी इन अन्तःशत्रुओं को अज्ञान पक्ष में डालता है (मम ये सपत्नाः) मेरे जो ये अन्तःशत्रु हैं, हे काम ! (तान् अस्मात् लोकात् दूरं प्र नुदस्व) मेरे सत्संकल्प ! उनको इस मेरे शरीर और लोक से दूर कर।
टिप्पणी
missing
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर
अथर्वा ऋषिः॥ कामो देवता॥ १, ४, ६, ९, १०, १३, १९, २४ अनुष्टुभः। ५ अति जगती। ८ आर्चीपंक्तिः। ११, २०, २३ भुरिजः। १२ अनुष्टुप्। ७, १४, १५ १७, १८, २१, २२ अतिजगत्यः। १६ चतुष्पदा शक्वरीगर्भा पराजगती। पञ्चविंशर्चं सूक्तम्॥
इंग्लिश (4)
Subject
Kama: Love and Determination
Meaning
O lord of love, knowledge and determined action, the way the Devas ward off and throw out the destructive elements of life, the way by which Indra, the ruling power, throws the savoteurs and other lawless elements bound in deep dungeons of darkness, by that very power, policy and modality, throw out and down far from this world whatever negative elements there may be against us.
Translation
Just as the enlightened ones repel the life-enjoyers, just as the resplendent self forces the robbers into the vilest darkness, so, O Kama, may you drive far away from this world those, who are my rivals.
Translation
Let Kama, the noble intention drive away our internal enemies to distant place from this world in the manner as the physical force of the world repell the nebulous mass in the beginning of the creation and as Indra, the air-carries away the clouds to deep darkness to make them fall down as rains.
Translation
As the learned conquered, moral weaknesses, and a spiritually developed soul overcame satanic leanings, so, O firm resolve, from this world, to distant places, drive thou my internal moral adversaries!
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
१८−(यथा) येन प्रकारेण (देवाः) व्यवहारकुशलाः (बबाधे) बाधितवान्। निरुद्धवान् (तथा) तेन प्रकारेण। अन्यत् पूर्ववत्-म० ॥१७॥१८॥
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