अथर्ववेद - काण्ड 16/ सूक्त 7/ मन्त्र 7
सूक्त - दुःस्वप्ननासन
देवता - याजुषी गायत्री
छन्दः - यम
सूक्तम् - दुःख मोचन सूक्त
सुया॑मंश्चाक्षुष॥
स्वर सहित पद पाठसुऽया॑मन् । चा॒क्षु॒ष॒: ॥७.७॥
स्वर रहित मन्त्र
सुयामंश्चाक्षुष॥
स्वर रहित पद पाठसुऽयामन् । चाक्षुष: ॥७.७॥
अथर्ववेद - काण्ड » 16; सूक्त » 7; मन्त्र » 7
भाषार्थ -
(सुयामन्) हे उत्तम नियन्ता ! तथा (चाक्षुष) आभ्यान्तर चक्षु द्वारा प्रत्यक्ष हुए परमेश्वर !