अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 130/ मन्त्र 18
अथो॑ इ॒यन्निति॑ ॥
स्वर सहित पद पाठअथो॑ । इ॒यन् । इति॑ ॥१३०.१८॥
स्वर रहित मन्त्र
अथो इयन्निति ॥
स्वर रहित पद पाठअथो । इयन् । इति ॥१३०.१८॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 130; मन्त्र » 18
विषय - भूमि और स्त्री।
भावार्थ -
(अथो अयम् इति) और यह वह पुरुष है।
टिप्पणी -
‘इयन्निति' इति शं० पा०।
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - missing
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