अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 130/ मन्त्र 4
कः का॒र्ष्ण्याः पयः॑ ॥
स्वर सहित पद पाठक: । का॒र्ष्ण्या: । पय॑: ॥१३०.४॥
स्वर रहित मन्त्र
कः कार्ष्ण्याः पयः ॥
स्वर रहित पद पाठक: । कार्ष्ण्या: । पय: ॥१३०.४॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 130; मन्त्र » 4
विषय - भूमि और स्त्री।
भावार्थ -
(काष्णर्याः) कृष्णा गौ का (पयः) दूध (कः) कौन ग्रहण करता है ? (कः) प्रजापति, राजा ही (काष्णर्याः) कृषि की जाने योग्य भूमि को (पयः) पुष्टिकारक अन्न आदि प्राप्त करता है।
टिप्पणी -
missing
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - missing
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