अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 130/ मन्त्र 2
को अ॑सि॒द्याः पयः॑ ॥
स्वर सहित पद पाठक: । असि॒द्या: । पय॑: । १३०.२॥
स्वर रहित मन्त्र
को असिद्याः पयः ॥
स्वर रहित पद पाठक: । असिद्या: । पय: । १३०.२॥
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 130; मन्त्र » 2
विषय - भूमि और स्त्री।
भावार्थ -
(कः) कौन (असिक्न्याः) गहरे काले रंग की गौ का (पयः) दूध लेता है।
प्रजापति पक्ष में—(कः) राजा प्रजा पालक ही (असिक्न्या) उस भूमि को जिस में नहरों और कूप आदि साधनों से सेचन नहीं होता उस भूमि का भी (पयः) पुष्टि कारक अन्न (अपावहत्) प्राप्त करता है।
टिप्पणी -
missing
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - missing
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