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अथर्ववेद > काण्ड 20 > सूक्त 131

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  • अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 131/ मन्त्र 12
    सूक्त - देवता - प्रजापतिर्वरुणो वा छन्दः - दैवी बृहती सूक्तम् - कुन्ताप सूक्त

    पाक॑ ब॒लिः ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    पाक॑ । ब॒लि: ॥१३१.१२॥


    स्वर रहित मन्त्र

    पाक बलिः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    पाक । बलि: ॥१३१.१२॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 131; मन्त्र » 12

    भावार्थ -
    राजा (पाकबलिः) परिपक्व वीर्य होकर ही बलवान् होता है।

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - missing

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