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ऋग्वेद मण्डल - 9 के सूक्त 108 के मन्त्र
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  • ऋग्वेद - मण्डल 9/ सूक्त 108/ मन्त्र 13
    ऋषिः - ऋणञ्चयः देवता - पवमानः सोमः छन्दः - गायत्री स्वरः - षड्जः

    स सु॑न्वे॒ यो वसू॑नां॒ यो रा॒यामा॑ने॒ता य इळा॑नाम् । सोमो॒ यः सु॑क्षिती॒नाम् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    सः । सु॒न्वे॒ । यः । वसू॑नाम् । यः । रा॒याम् । आ॒ऽने॒ता । यः । इळा॑नाम् । सोमः॑ । यः । सु॒ऽक्षि॒ती॒नाम् ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    स सुन्वे यो वसूनां यो रायामानेता य इळानाम् । सोमो यः सुक्षितीनाम् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    सः । सुन्वे । यः । वसूनाम् । यः । रायाम् । आऽनेता । यः । इळानाम् । सोमः । यः । सुऽक्षितीनाम् ॥ ९.१०८.१३

    ऋग्वेद - मण्डल » 9; सूक्त » 108; मन्त्र » 13
    अष्टक » 7; अध्याय » 5; वर्ग » 19; मन्त्र » 3
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    संस्कृत (1)

    पदार्थः

    (सः) स परमात्मा (सुन्वे) सर्वसंसारमुत्पादयति (यः) यश्च (सोमः) सर्वोत्पादकः (यः) यः (वसूनाम्) धनानां (रायाम्) ऐश्वर्याणां च (आनेता) प्रेरकः (यः) यश्च (इळानाम्, सुक्षितीनाम्) सर्वेषां लोकानां चाधिष्ठातास्ति स मम ज्ञानविषयो भवतु ॥१३॥

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    हिन्दी (1)

    पदार्थ

    (सः) वह परमात्मा (यः) जो (सुन्वे) सब संसार को उत्पन्न करता (यः) जो (सोमः) सर्वोत्पादक (वसूनाम्) सब धनों (रायाम्) ऐश्वर्य्यों का (आनेता) प्रेरक और (यः) जो (इळानां, सुक्षितीनाम्) सम्पूर्ण लोक-लोकान्तरों का अधिष्ठाता है, वह हमारे ज्ञान का विषय हो ॥१३॥

    भावार्थ

    सब पदार्थों का अधिष्ठाता परमात्मा है अर्थात् परमात्मा सब पदार्थों का आधार और सब पदार्थ आधेय हैं। हे भगवन् ! आप हमारे ऊपर ज्ञान की वृष्टि करें, जिस से कि हम लोग आपकी समीपता को प्राप्त होकर आनन्द का उपभोग कर सकें ॥१३॥

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    इंग्लिश (1)

    Meaning

    That Soma which is the generator, harbinger and ruler guide of all forms of wealth, honour and excellence, lands, knowledge and awareness, and of happy homes is thus realised in its divine manifestation.

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    मराठी (1)

    भावार्थ

    सर्व पदार्थांचा अधिष्ठाता परमात्मा आहे. अर्थात्, परमात्मा सर्व पदार्थांचा आधार व सर्व पदार्थ आधेय आहेत. हे भगवान! तू आमच्या ज्ञानाची वृद्धी कर. त्यामुळे आम्ही तुझ्या समीप येऊन आनंदाचा उपभोग करू शकू. ॥१३॥

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