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  • अथर्ववेद - काण्ड 19/ सूक्त 23/ मन्त्र 5
    सूक्त - अथर्वा देवता - मन्त्रोक्ताः छन्दः - दैवी त्रिष्टुप् सूक्तम् - अथर्वाण सूक्त

    अ॑ष्ट॒र्चेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒ष्ट॒ऽऋ॒चेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२३.५॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अष्टर्चेभ्यः स्वाहा ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अष्टऽऋचेभ्यः। स्वाहा ॥२३.५॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 23; मन्त्र » 5

    टिप्पणीः - ५−(अष्टर्चेभ्यः) म०१। अष्टानां यमनियमादीनां स्तुत्या विद्या येषु वेदेषु तेभ्यः। यमनियमासनप्राणायामप्रत्याहारधारणाध्यानसमाधयोऽष्टावङ्गानि। पातञ्जलयोगदर्शने, २।२९॥

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