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  • अथर्ववेद - काण्ड 9/ सूक्त 7/ मन्त्र 18
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - गौः छन्दः - एकपदासुरी जगती सूक्तम् - गौ सूक्त

    अ॒भ्रं पीबो॑ म॒ज्जा नि॒धन॑म् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒भ्रम् । पीब॑: । म॒ज्जा । नि॒ऽधन॑म् । १२.१८॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अभ्रं पीबो मज्जा निधनम् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अभ्रम् । पीब: । मज्जा । निऽधनम् । १२.१८॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 9; सूक्त » 7; मन्त्र » 18

    पदार्थ -
    [सृष्टि में] (अभ्रम्) मेघ (पीबः) मेद [शरीर के समान चिकनाई], (निधनम्) राशीकरण (मज्जा) मज्जा [हड्डियों की चिकनाई के समान है] ॥१८॥

    भावार्थ - मन्त्र १४ के समान है ॥१८॥

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