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  • अथर्ववेद - काण्ड 11/ सूक्त 3/ मन्त्र 5
    सूक्त - अथर्वा देवता - बार्हस्पत्यौदनः छन्दः - साम्न्युष्णिक् सूक्तम् - ओदन सूक्त

    अश्वाः॒ कणा॒ गाव॑स्तण्डु॒ला म॒शका॒स्तुषाः॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अश्वा॑: । कणा॑: । गाव॑: । त॒ण्डु॒ला: । म॒शका॑: । तुषा॑: ॥३.५॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अश्वाः कणा गावस्तण्डुला मशकास्तुषाः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अश्वा: । कणा: । गाव: । तण्डुला: । मशका: । तुषा: ॥३.५॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 11; सूक्त » 3; मन्त्र » 5

    पदार्थ -
    (अश्वाः) घोड़े (कणाः) कण [समान], (गावः) गौवें (तण्डुलाः) चावल [समान] और (मशकाः) माछड़ (तुषाः) भुसी [समान] हैं ॥५॥

    भावार्थ - घोड़े आदि जीव परमेश्वर की महिमा के बहुत छोटे अंश है ॥५॥

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