यजुर्वेद - अध्याय 16/ मन्त्र 33
ऋषिः - कुत्स ऋषिः
देवता - रुद्रा देवताः
छन्दः - आर्षी त्रिष्टुप्
स्वरः - धैवतः
1
नमः॒ सोभ्या॑य च प्रतिस॒र्याय च॒ नमो॒ याम्या॑य च॒ क्षेम्या॑य च॒ नमः॒ श्लोक्या॑य चावसा॒न्याय च॒ नम॑ऽउर्व॒र्याय च॒ खल्या॑य च॥३३॥
स्वर सहित पद पाठनमः॑। सोभ्या॑य। च॒। प्र॒तिस॒र्या᳖येति॑ प्रतिऽस॒र्या᳖य। च॒। नमः॑। याम्या॑य। च॒। क्षेम्या॑य। च॒। नमः॑। श्लोक्या॑य। च॒। अ॒व॒सा॒न्या᳖येत्य॑वऽसा॒न्या᳖य। च॒। नमः॑। उ॒र्व॒र्या᳖य। च॒। खल्या॑य। च॒ ॥३३ ॥
स्वर रहित मन्त्र
नमः सोम्याय च प्रतिसर्याय च नमो याम्याय च क्षेम्याय च नमः श्लोक्याय चावसान्याय च नमऽउर्वर्याय च खल्याय च नमो वन्याय ॥
स्वर रहित पद पाठ
नमः। सोभ्याय। च। प्रतिसर्यायेति प्रतिऽसर्याय। च। नमः। याम्याय। च। क्षेम्याय। च। नमः। श्लोक्याय। च। अवसान्यायेत्यवऽसान्याय। च। नमः। उर्वर्याय। च। खल्याय। च॥३३॥
विषय - नाना रुद्रों अधिकारियों का वर्णन ।
भावार्थ -
( सोभ्याय ) उभय पाप और पुण्य अथवा उभय, इह लोक और परलोक अथवा उभय, अपना राष्ट्र और पर राष्ट्र दोनों में रहनेवाला 'उभय वेतन प्रणिधि, 'सोभ्य' अथवा ऐश्वर्ययुक्त पदार्थों में वर्त्तमान पुरुष, सोभ्य, ( प्रतिसर्याय च ) प्रति सरण, शत्रु पर चढ़ाई करने और उसके पीछा करने में समर्थ, ( यास्याय च ) शत्रुओं को बांधने और राष्ट्र के नियमन करने में कुशल, ( क्षेभ्याय च ) प्रजाओं का क्षेम करने में कुशल, ( श्लोक्याय च ) वेदमन्त्रों द्वारा स्तुति करने अथवा उनके व्याख्यान करने में कुशल, ( अवसन्याय च ) अवसान, कार्यों की समाप्ति करने या वेद के अन्तिम भाग उपनिषदों के उपदेश करने में कुशल, ( उर्वर्याय च ) 'उरु ' अर्थात् बड़े २ ऐश्वर्यो के स्वामी अथवा 'उर्वर्य' उर्वरा भूमियों को क्षेत्र उद्यान बनाने में कुशल और ( खल्याय च ) 'खल' कटे ध्यान्यों को एकत्र करने के स्थान, खलिहान में धान्य अन्न आदि को स्वच्छ करने में कुशल, या उन २ स्थानों के वृद्धि करने में कुशल अधिकारी लोगों को भी ( नमः ४) योग्य मान, पद एवं वेतन आदि प्राप्त हो ।
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - आर्षी त्रिष्टुप् । धैवतः ॥
इस भाष्य को एडिट करेंAcknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Kumar Dhiman (Chair Professor, MDS University, Ajmer)
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
N/A
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal