यजुर्वेद - अध्याय 23/ मन्त्र 33
गा॒य॒त्री त्रि॒ष्टुब्जग॑त्यनु॒ष्टुप्प॒ङ्क्त्या स॒ह।बृ॒ह॒त्युष्णिहा॑ क॒कुप्सू॒चीभिः॑ शम्यन्तु त्वा॥३३॥
स्वर सहित पद पाठगा॒य॒त्री। त्रि॒ष्टुप्। त्रि॒स्तुबिति॑ त्रि॒ऽस्तुप्। जग॑ती। अ॒नु॒ष्टुप्। अ॒नु॒स्तुबित्य॑नु॒ऽस्तुप्। प॒ङ्क्त्या। स॒ह। बृ॒ह॒ती। उ॒ष्णिहा॑। क॒कुप्। सू॒चीभिः॑। श॒म्य॒न्तु॒। त्वा॒ ॥३३ ॥
स्वर रहित मन्त्र
गायत्री त्रिष्टुब्जगत्यनुष्टुप्पङ्क्त्या सह । बृहत्युष्णिहा ककुप्सूचीभिः शम्यन्तु त्वा ॥
स्वर रहित पद पाठ
गायत्री। त्रिष्टुप्। त्रिस्तुबिति त्रिऽस्तुप्। जगती। अनुष्टुप्। अनुस्तुबित्यनुऽस्तुप्। पङ्क्त्या। सह। बृहती। उष्णिहा। ककुप्। सूचीभिः। शम्यन्तु। त्वा॥३३॥
विषय - गायत्री आदि छन्दों के नामों से नाना प्रकार की उत्तम वाणियों से राजा के हृदय की शान्ति ।
भावार्थ -
हे पुरुष ! (गायत्री) गायत्री, (त्रिष्टुप्) त्रिष्टुप् ( जगती ) जगती, (अनुष्टुप्) अनुष्टुप ये छन्द ( पंक्तया सह ) पंक्ति छन्द के साथ और (बृहती) बृहती (ककुप ) ककुप ये दोनों (उष्णिहा) उष्णिक् छन्द के साथ मिलकर (सूचीभिः) ज्ञान को सूचित करने वाली ऋचाओं से तेरे हृदय को शान्त करती हैं । (गायत्री) गान और उपदेश करने वालों को त्राण, पालन करने वाली, (त्रिष्टुप्) तीनों प्रकार के सुखों को वर्णन करने वाली, ( जगती ) जगत् में विस्तृत शक्ति, ( अनुष्टुप् ) सबको अनुकूल उपदेश करनेहारी, (पंक्त्या सह ) परिपाक या पुनः २ अभ्यास क्रिया के सहित (बृहती) बड़े प्रयोजन वाली, ( ककुप् ) सुन्दर पदलालित्य वाली वाणी, ( उष्णिहा ) उत्तम स्नेहमयी वाणी के साथ मिलकर (सूचीभि:) ज्ञान और साधनों की सूचना देनेवाली अथवा वस्त्रखण्डों के समान नाना देश के भागों को सन्धियों द्वारा मिलाकर, सींकर एक कर देने वाली सन्धिकारिणी, वाणियों से विद्वान् लोग, हे राजन् ! (त्वा) तुझे (शम्यन्तु) शान्ति प्रदान करें ।
टिप्पणी -
'वाचः', इति पदं ३५ मन्त्रादाकृष्यते ।
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - वाचः विद्वांसो देवताः । उष्णिक् । ऋषभः ।
इस भाष्य को एडिट करेंAcknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Kumar Dhiman (Chair Professor, MDS University, Ajmer)
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
N/A
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal