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  • अथर्ववेद - काण्ड 13/ सूक्त 4/ मन्त्र 36
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - अध्यात्मम् छन्दः - प्राजापत्यानुष्टुप् सूक्तम् - अध्यात्म सूक्त

    स वा अ॒ग्नेर॑जायत॒ तस्मा॑द॒ग्निर॑जायत ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    स: । वै । अ॒ग्ने: । अ॒जा॒य॒त॒ । तस्मा॑त् । अ॒ग्नि: । अ॒जा॒य॒त॒ ॥७.८॥


    स्वर रहित मन्त्र

    स वा अग्नेरजायत तस्मादग्निरजायत ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    स: । वै । अग्ने: । अजायत । तस्मात् । अग्नि: । अजायत ॥७.८॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 13; सूक्त » 4; मन्त्र » 36

    पदार्थ -
    (सः) वह [कारणरूप ईश्वर] (वै) अवश्य (अग्नेः) [कार्यरूप] अग्नि से (अजायत) प्रकट हुआ है, (तस्मात्) उस [कारणरूप] से (अग्निः) अग्नि [सूर्य, बिजुली आदि तेज] (अजायत) उत्पन्न हुआ है ॥३६॥

    भावार्थ - मन्त्र २९ के समान ॥३६॥

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