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  • अथर्ववेद - काण्ड 13/ सूक्त 4/ मन्त्र 4
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - अध्यात्मम् छन्दः - प्राजापत्यानुष्टुप् सूक्तम् - अध्यात्म सूक्त

    सोर्य॒मा स वरु॑णः॒ स रु॒द्रः स म॑हादे॒वः ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    स: । अ॒र्य॒मा । स: । वरु॑ण: । स: । रु॒द्र: । स: । म॒हा॒ऽदे॒व: ॥४.४॥


    स्वर रहित मन्त्र

    सोर्यमा स वरुणः स रुद्रः स महादेवः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    स: । अर्यमा । स: । वरुण: । स: । रुद्र: । स: । महाऽदेव: ॥४.४॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 13; सूक्त » 4; मन्त्र » 4

    पदार्थ -
    (सः) वह [परमेश्वर] (अर्यमा) श्रेष्ठों का मान करनेवाला, (सः) वह (वरुणः) श्रेष्ठ, (सः) वह (रुद्रः) ज्ञानवान् और (सः) वह (महादेवः) महादानी है ॥४॥

    भावार्थ - मन्त्र ३ के समान है ॥४॥

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