Loading...

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 13/ सूक्त 4/ मन्त्र 38
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - अध्यात्मम् छन्दः - साम्न्युष्णिक् सूक्तम् - अध्यात्म सूक्त

    स वा ऋ॒ग्भ्योजा॑यत॒ तस्मा॒दृचो॑ऽजायन्त ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    स: । वै । ऋ॒क्ऽभ्य: । अ॒जा॒य॒त॒ । तस्मा॑त् । ऋच॑: । अ॒जा॒य॒न्त॒ ॥७.१०॥


    स्वर रहित मन्त्र

    स वा ऋग्भ्योजायत तस्मादृचोऽजायन्त ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    स: । वै । ऋक्ऽभ्य: । अजायत । तस्मात् । ऋच: । अजायन्त ॥७.१०॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 13; सूक्त » 4; मन्त्र » 38

    भाषार्थ -
    (सः वै) वह निश्चय से (ॠगभ्यः) ऋचाओं से (अजायत) प्रकट हुआ है, क्योंकि (तस्मात्) उस से (ऋचः) ऋचाएँ (अजायन्त) पैदा या प्रकट हुई हैं।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top