साइडबार
यजुर्वेद अध्याय - 12
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
42
43
44
45
46
47
48
49
50
51
52
53
54
55
56
57
58
59
60
61
62
63
64
65
66
67
68
69
70
71
72
73
74
75
76
77
78
79
80
81
82
83
84
85
86
87
88
89
90
91
92
93
94
95
96
97
98
99
100
101
102
103
104
105
106
107
108
109
110
111
112
113
114
115
116
117
मन्त्र चुनें
यजुर्वेद - अध्याय 12/ मन्त्र 90
ऋषिः - भिषगृषिः
देवता - वैद्या देवताः
छन्दः - विराडनुष्टुप्
स्वरः - गान्धारः
1
मु॒ञ्चन्तु॑ मा शप॒थ्यादथो॑ वरु॒ण्यादु॒त। अथो॑ य॒मस्य॒ पड्वी॑शात् सर्व॑स्माद् देवकिल्वि॒षात्॥९०॥
स्वर सहित पद पाठमु॒ञ्चन्तु॑। मा॒। श॒प॒थ्या᳕त्। अथो॒ऽइत्यथो॑। व॒रु॒ण्या᳖त्। उ॒त। अथो॒ऽइत्यथो॑। य॒मस्य॑। पड्वी॑शात्। सर्व॑स्मात्। दे॒व॒कि॒ल्वि॒षादिति॑ देवऽकि॒ल्वि॒षात् ॥९० ॥
स्वर रहित मन्त्र
मुञ्चन्तु मा शपथ्यादथो वरुण्यादुत । अथो यमस्य पड्वीशात्सर्वस्माद्देवकिल्बिषात् ॥
स्वर रहित पद पाठ
मुञ्चन्तु। मा। शपथ्यात्। अथोऽइत्यथो। वरुण्यात्। उत। अथोऽइत्यथो। यमस्य। पड्वीशात्। सर्वस्मात्। देवकिल्विषादिति देवऽकिल्विषात्॥९०॥
भावार्थ -
हे ओषधियो ! औषधियों के समान कष्टों के निवारक वीर, आप्त, प्रजाजनो ! जिस प्रकार ओषधिये ( शपथ्यात् ) कुपथ्य या निन्दा योग्य कर्म से होनेवाले कष्ट से, ( वरुण्यात्) निवारण करने योग्य रोग से और ( यमस्य पड्वीशात् ) मृत्यु के बन्धन से और ( देव- किल्विषात् ) इन्द्रियों में बैठे विकारों से युक्त करती है, उसी प्रकार आप लोग भी ( शपथ्यात्) आक्रोश या परस्पर निन्दा के वचनों से उत्पन्न पाप से, (अथ वरुण्यात् उत) और वरुण, राजा या वरणीय श्रेष्ट पुरुष के अपराध से उत्पन्न होनेवाले ( अथो ) और ( यमस्य ) नियन्ता, न्यायाधीश के द्वारा दिये जाने वाले ( पड्वीशात् ) बेड़ियों, कैद यदि बन्धन से और ( सर्वस्मात् ) सब प्रकार के ( देवकिल्विषात् ) विद्वानों के प्रति किये या राजा के प्रति किये अपराधों से ( मुञ्चन्तु ) मुक्त करें, हमें उन अपराधों से बचावें ।
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - वन्धुरृषिः । ओषधयो देवता । अनुष्टुप् । गांधारः॥
इस भाष्य को एडिट करेंAcknowledgment
Book Scanning By:
Sri Durga Prasad Agarwal
Typing By:
N/A
Conversion to Unicode/OCR By:
Dr. Naresh Kumar Dhiman (Chair Professor, MDS University, Ajmer)
Donation for Typing/OCR By:
N/A
First Proofing By:
Acharya Chandra Dutta Sharma
Second Proofing By:
Pending
Third Proofing By:
Pending
Donation for Proofing By:
N/A
Databasing By:
Sri Jitendra Bansal
Websiting By:
Sri Raj Kumar Arya
Donation For Websiting By:
Shri Virendra Agarwal
Co-ordination By:
Sri Virendra Agarwal