Loading...

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 11/ सूक्त 3/ मन्त्र 13
    सूक्त - अथर्वा देवता - बार्हस्पत्यौदनः छन्दः - साम्न्युष्णिक् सूक्तम् - ओदन सूक्त

    ऋ॒तं ह॑स्ताव॒नेज॑नं कु॒ल्योप॒सेच॑नम् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    ऋ॒तम्। ह॒स्त॒ऽअ॒व॒नेज॑नम् । कुल्या᳡ । उ॒प॒ऽसेच॑नम् ॥३.१३॥


    स्वर रहित मन्त्र

    ऋतं हस्तावनेजनं कुल्योपसेचनम् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    ऋतम्। हस्तऽअवनेजनम् । कुल्या । उपऽसेचनम् ॥३.१३॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 11; सूक्त » 3; मन्त्र » 13

    भाषार्थ -
    (ऋतम्) पृथिवीस्थ जल (हस्तावनेजनम्) हाथ धोने के जल स्थानी है, (कुल्या) अल्पा सरित् अर्थात् छोटी नदियां (उपसेचनम्) खेत के सींचने की नालियों के स्थानी हैं।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top