अथर्ववेद - काण्ड 11/ सूक्त 3/ मन्त्र 15
सूक्त - अथर्वा
देवता - बार्हस्पत्यौदनः
छन्दः - साम्न्युष्णिक्
सूक्तम् - ओदन सूक्त
ब्रह्म॑णा॒ परि॑गृहीता॒ साम्ना॒ पर्यू॑ढा ॥
स्वर सहित पद पाठब्रह्म॑णा । परि॑ऽगृहिता । साम्ना॑ । परि॑ऽऊढा ॥३.१५॥
स्वर रहित मन्त्र
ब्रह्मणा परिगृहीता साम्ना पर्यूढा ॥
स्वर रहित पद पाठब्रह्मणा । परिऽगृहिता । साम्ना । परिऽऊढा ॥३.१५॥
अथर्ववेद - काण्ड » 11; सूक्त » 3; मन्त्र » 15
भाषार्थ -
(ब्रह्मणा) ब्रह्मवेद अर्थात् अथर्ववेद द्वारा (परिगृहीता) अग्नि से उतार कर ग्रहण कर ली गई है, (साम्ना) सामवेद द्वारा (पर्यूढा) अङ्गारों द्वारा परिवेष्टित की गई है ||१५।।