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  • यजुर्वेद - अध्याय 17/ मन्त्र 3
    ऋषिः - मेधातिथिर्ऋषिः देवता - अग्निर्देवता छन्दः - विराडार्षी पङ्क्तिः स्वरः - पञ्चमः
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    ऋ॒तव॑ स्थऽऋता॒वृध॑ऽऋतु॒ष्ठा स्थ॑ऽऋता॒वृधः॑। घृ॒त॒श्च्युतो॑ मधु॒श्च्युतो॑ वि॒राजो॒ नाम॑ काम॒दुघा॒ऽअक्षी॑यमाणाः॥३॥

    स्वर सहित पद पाठ

    ऋ॒तवः॑। स्थ॒। ऋ॒ता॒वृधः॑। ऋ॒त॒वृध॒ इत्यृ॑त॒ऽवृधः॑। ऋ॒तु॒ष्ठाः। ऋ॒तु॒स्था इत्यृ॑तु॒ऽस्थाः। स्थ॒। ऋ॒ता॒वृधः॑। ऋ॒त॒वृध॒ इत्यृ॑त॒ऽवृधः॑। घृ॒त॒श्च्युत॒ इति॑ घृत॒ऽश्च्युतः॑। म॒धु॒श्च्युत॒ इति॑ मधु॒ऽश्च्युतः॑। वि॒राज॒ इति॑ वि॒ऽराजः॑। नाम॑। का॒म॒दुघा॒ इति॑ काम॒दुघा॑। अक्षी॑यमाणाः ॥३ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    ऋतव स्थऽऋतावृधऽऋतुष्ठा स्थ ऋतावृधः । घृतश्च्युतो मधुश्च्युतो विराजो नाम कामदुघाऽअक्षीयमाणाः ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    ऋतवः। स्थ। ऋतावृधः। ऋतवृध इत्यृतऽवृधः। ऋतुष्ठाः। ऋतुस्था इत्यृतुऽस्थाः। स्थ। ऋतावृधः। ऋतवृध इत्यृतऽवृधः। घृतश्च्युत इति घृतऽश्च्युतः। मधुश्च्युत इति मधुऽश्च्युतः। विराज इति विऽराजः। नाम। कामदुघा इति कामदुघा। अक्षीयमाणाः॥३॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 17; मन्त्र » 3
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    भावार्थ -
    पूर्व कही राज्य की घटक इष्टकाओं का स्वरूप दर्शाते हैं--हे राज्य के विशेष २ मुख्य अंगों के नेता पुरुषो ! तुम ( ऋतवः स्थ ) वर्ष, संवत्सर रूप प्रजापति के अंशभूत जिस प्रकार ६ या ५ ऋतु होते हैं और नाना प्राणियों का उपकार करते हैं उसी प्रकार तुम लोग भी 'ऋतु' हो अर्थात् ( ऋतावृधः ) ऋत अर्थात् सत्य व्यवहार और न्याययुक्त राज्य-तन्त्र को वृद्धि करने वाले हो । और हे उन अधिकारियों के आश्रय प्रजा लोगो ! और ( ऋतुष्ठाः स्थ ) जिस प्रकार ऋतुओं में आश्रित मास पक्ष दिन आदि हैं उसी प्रकार तुम राष्ट्र के संचालकों पर आश्रित लोग भी 'ऋतुस्थ' ही हो क्योंकि तुम भी ( ऋतावृधः स्थ ) सत्य व्यवहार की वृद्धि करने वाले हो । आप लोग ही ( घृतश्च्युतः ) घृत, दूध, तेज और पुष्टिप्रद पदार्थों को देने वाले हो ( मधुश्च्युतः ) अन्न और मधुर पदार्थों और सुखकारी पदार्थों और ज्ञानों को भी उत्पन्न करने वाले हो, तुम लोग ( विराजः ) विविध गुण और ऐश्वर्यों से युक्त होकर ( अक्षीयमाणाः ) कभी क्षीण न होने वाले, अक्षय ( कामदुघा: ) यथेष्ट प्रकार से प्रजा की आकांक्षाओं के भरपूर करने वाले कामदुघा गौओं के समान हो ।शत० ९ ।१ । २ । १८-१९ ॥

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - अग्निर्देवता। विराडार्षी पंक्तिः । पञ्चमः ॥

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