Loading...

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 12/ सूक्त 5/ मन्त्र 62
    सूक्त - अथर्वाचार्यः देवता - ब्रह्मगवी छन्दः - प्राजापत्यानुष्टुप् सूक्तम् - ब्रह्मगवी सूक्त

    वृ॒श्च प्र वृ॑श्च॒ सं वृ॑श्च॒ दह॒ प्र द॑ह॒ सं द॑ह ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    वृ॒श्च॒ । प्र । वृ॒श्च॒ । सम् । वृ॒श्च॒ । दह॑ । प्र । द॒ह॒ । सम् । द॒ह॒ ॥११.१॥


    स्वर रहित मन्त्र

    वृश्च प्र वृश्च सं वृश्च दह प्र दह सं दह ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    वृश्च । प्र । वृश्च । सम् । वृश्च । दह । प्र । दह । सम् । दह ॥११.१॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 12; सूक्त » 5; मन्त्र » 62

    भाषार्थ -
    (वृश्च) काट, (प्रवृश्च) पूर्णतया काट (संवृश्च) अच्छी तरह काट, (दह) जला दे, (प्रदह) पूर्णतया जला दें, (संदह) अच्छी तरह जला दे।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top